बच्चों की रात की कहानियां - बंदर और मगरमच्छ की कहानी । हिन्दी में

बच्चों की रात की कहानियां - बंदर और मगरमच्छ की कहानी । हिन्दी में

बच्चों की रात की कहानियां - बंदर और मगरमच्छ की कहानी । हिन्दी में

बहुत दिनों की बात है एक जंगल में नदी था. नदी में एक मगरमच्छ रहा करता था। और वही नदी के किनारे पर एक केले का पेड़ था. केले के पेड़ पर पीले-पीले केले लटक रहें थे. वही पास मैं मौजूद मगरमच्छ उस केले को लालच भरी नजर से देखा करते थे। अब केला था ऊपर और मगरमच्छ तो पेड़ पर चढ़ना तो नहीं जानते थे. तो नीचे से देखकर उसकी कल्पना करते थे। काश यह अकेला हम भी खा पाते।

वही नदी के किनारे एक बंदर भी रहा करता था जो कि केला खाता था. और नीचे मगरमच्छ को ललचाता था। 1 दिन उस बंदर ने केले के गुच्छे में से एक गुच्छा मगरमच्छ के इधर फेंक दिया. तो मगरमच्छ के पास जब केला फेंका गया तब मगरमच्छ ने पेट भर के केला का आनंद लिया।

मगरमच्छ ने सब केला नहीं खाया था. उस केला में से कुछ केला बचाकर अपने बीवी के लिए ले गया और बीवी को भी खिलाया। 

और केले के कारण बंदर और मगरमच्छ के बीच गहरी दोस्ती हो गई।

लेकिन जब मगरमच्छ की पत्नी केला खा रही थी तो बोल रही थी ," इतने अच्छे और स्वादिष्ट केला मेने आज तक नहीं खाया है और जिस बंदर ने तुमको केला दिया उसका जिगर कितना स्वादिष्ट और मीठा होगा, तुम जरा अपने दिमाग पर जोड़ डालो और उस बंदर को किसी तरह यहां लेकर आओ. उसके बाद बंदर के स्वादिष्ट जिगर को खाने का मजा लेंगे।

मगरमच्छ ने ये सुना तो पहले उसे अच्छा नहीं लगा ,' उसने कहा वह मेरा दोस्त है हम उसके साथ ऐसा कैसे कर सकते हैं।

लेकिन मगरमच्छ की पत्नी ने उस बंदर के जिगर के बारे में इतना बढ़ चढ़कर बोला कि मगरमच्छ का मन ही बदल गया।

फिर अगले दिन सुबह हो गई और रोज की तरह बंदर केले खाने के लिए वहां आया करता था। उधर मगरमच्छ की आ रहा था। फिर मगरमच्छ ने बंदर के पास आकर बोला ,' बंदर भाई कल जो आपने केला दिया था उस केला को मेने अपनी पत्नी को खिलाया था जिसकी वजह से उसका तबीयत काफी बिगड़ गया है. और तो और वो केला पहली बार खाई थी ना इसलिए। और भाई आप तो वर्षों से केला खाते आ रहे हों, आपको तो पता होगा सर्दी जुकाम के बारे में, तो थोड़ा चल कर देख लीजिए मेरी पत्नी को क्या हुआ है।

ये सब बातें सुनकर बंदर ने उसके साथ चलने को राजी हो गया. और मगरमच्छ ने बंदर को अपने पीठ पर बेठाया और अपने घर ले जाने लगे. 

अब जब बंदर मगरमच्छ के घर आए तो देखा मगरमच्छ की पत्नी एकदम स्वस्थ हैं और वो आराम से बैठी है। ये देखकर बंदर ने मन ही मन समझ लिया कि कहीं न कहीं किसी बात को लेकर लोचा है. और वो उसके पीठ पर सगबगा कर बैठ गया।

अब उधर मगरमच्छ की पत्नी बंदर के आने की प्रतीक्षा में थी. तभी उसने अपने सामने देखा कि मगरमच्छ उस बंदर को लेकर आ गया है। और मगरमच्छ की पत्नी बंदर को देखकर जोर जोर से ठहाके लगाकर हंसने लगे। 

मगरमच्छ की पत्नी बंदर से बोला, आओ, आओ तुम्हारा स्वागत है आज हम दोनों तुम्हारे जिगर के स्वाद का मजा लेंगे।

बंदर को पहले से जो सक था वो अब यकीन में बदल गया. और तो और बंदर बहुत समझदार था और फट से बोल पड़ा, भाभी जी आप सब मेरा जिगर खाने वाले थे. अगर ये बात थी तो आपको पहले बताने चाहिए थे।

शायद आप नही जानते मेरा जिगर बहुत ही मेरे लिए अनमोल है इसी के चलते उसे में कहीं पेड़ पर छुपा के रखता हूं जहां ऊंचा स्थान है वहां, हम अपने जिगर को भुल से भी अपने पास में नहीं रखते हैं। मगरमच्छ भाई आप मुझे नदी के किनारे पर छोड़ दो मैं भाभी के लिए जिगर लेकर आता हूं। 

अब बंदर की ये बात सुनकर मगरमच्छ ने उसे नदी के किनारे उतार दिया. उतरते ही बन्दर ने पेड़ पर चढ़ गया। और मगरमच्छ उसकी राह देखने लगा।

और एक बात आप लोगों ने देखा होगा मगरमच्छ नदी किनारे अपना मुंह खोलकर कर रहते हैं तो इसमें बहुत से लोगों का मानना है कि मगरमच्छ बंदर के इंतजार में मुंह खोलकर कर रहते हैं।

बंदर और मगरमच्छ की कहानी.

बच्चों की रात की कहानी.

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1 टिप्पणियाँ

  1. Bahut achchha post likha hai apne mujhe apke samjhane ka jo tarika hai o bahut pasand aya bahut sare website pr log gol gol ghumate lekin apne bilkul asan or satik tarike se information diya hai. Thankyou sir g good job Gaharwarji

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